बंशीधर ब्रजवाशी जी के कलम से:
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समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा दायर याचिका की अनदेखी पड़ी महंगी, हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया 5000 रू का अर्थ दंड ।
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मित्रों ! बिहार सरकार के उदासीन रवैये से आज हाईकोर्ट भी गुस्से में आ गया । जैसा कि आप जानते हैं कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के एक अपीलवाद ( LPA- 1290/20013) की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति नीलू अग्रवाल की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष भी चल रही है । इस मामले की पिछली सुनवाई 29 मार्च को हुई थी । सुनवाई के दौरान हलफनामा दायर नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अदालत ने पिछली तिथि को हीं चेतावनी दी थी कि अगली सुनवाई से पहले यदि हलफनामा दायर नहीं किया गया तो अगली सुनवाई को सरकार पर उचित अर्थदंड लगाया जाएगा । इस सख्त चेतावनी के बाद भी सरकार ने आज भी हलफनामा दायर नहीं किया । इसके बाद कोर्ट ने भी तल्ख तेवर दिखाये और जवाबी हलफनामा नही दायर करने पर सरकार की उदासीनता मानते हुए ₹ 5000 अर्थदंड लगा दिया । एक सप्ताह बाद पुनः सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि अगली तिथि से पहले हलफनामा दायर नहीं किया गया तो ₹2000 प्रतिदिन की दर से जुर्माना ठोका जाएगा ।
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