All news related to Bihar Education, Different Teacher Association, Press cuttings
Wednesday, May 31, 2017
+2 की समस्या से महामहीम राज्यपाल को अवगत कराया गया
Tuesday, May 30, 2017
Sunday, May 28, 2017
Saturday, May 27, 2017
Thursday, May 25, 2017
Monday, May 22, 2017
Friday, May 19, 2017
Wednesday, May 17, 2017
'रैनसमवेयर' वायरस से भारत में 48 हजार कंप्यूटर प्रभावित
मुंबई (पीटीआई)। विश्वभर के 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों को अपना शिकार बना चुके 'रैनसमवेयर' वायरस का असर भारत में देखा जा रहा है। अब तक इससे 48 हजार कंप्यूटर प्रभावित हुए हैं। सिक्योरिटी सिस्टम चाक चौबंद होने की वजह से भारत में इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। वायरस की चपेट में ऑनलाइन कंपनियां सबसे ज्यादा आई हैं।
60 फीसद उद्यमों के तो 40 फीसद निजी कंप्यूटर प्रभावित इससे हुए हैं। विशेषकर माइक्रोसाफ्ट साफ्टवेयर के साथ डेस्कटाप पर हमला करने वाले इस वायरस से बचाव इस वजह से हो सका है, क्योंकि भारत के ज्यादातर कंप्यूटर सिक्योरिटी सिस्टम से लैस हैं। पहली बार किसी भी वायरस का हमला होने पर सीधे सिस्टम पर असर नहीं पड़ता।
क्विक हील कंपनी का कहना है कि वायरस का सबसे ज्यादा असर प. बंगाल में हुआ है। उसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, एनसीआर व उड़ीसा का नंबर है। जिन शहरों में इसका ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है उनमें दिल्ली, भुवनेश्वर, पुणे व मुंबई हैं। कंपनी का कहना है कि जिन कंप्यूटरों पर वायरस ने हमला किया, उन्हें दुरूस्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि साइबर अपराधियों ने डिवाइस को खोलने के लिए बिटकोइन जैसी क्रिप्टो करेंसी में तीन सौ अमेरिकी डालर की मांग की है। खास बात है कि वायरस ने रूस व ब्रिटेन जैसे देशों को भी अपनी चपेट में लिया है। जबकि वैश्विक स्तर पर इनकी तकनीक सबसे अच्छी मानी जाती है।
ज्यादा असर नहीं: सुंदरराजन
आइटी सचिव अरुणा सुंदरराजन का कहना है कि भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए जरूरी इंतजाम कर रखे हैं। वायरस का असर आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ केरल में पंचायत के कंप्यूटरों पर देखने को मिला है। मार्च के महीने से ही एक विशेष टीम इसकी निगरानी कर रही है। भारत में इसका बहुत ज्यादा असर नहीं मिला
Regards
'रैनसमवेयर' वायरस से भारत में 48 हजार कंप्यूटर प्रभावित
मुंबई (पीटीआई)। विश्वभर के 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों को अपना शिकार बना चुके 'रैनसमवेयर' वायरस का असर भारत में देखा जा रहा है। अब तक इससे 48 हजार कंप्यूटर प्रभावित हुए हैं। सिक्योरिटी सिस्टम चाक चौबंद होने की वजह से भारत में इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। वायरस की चपेट में ऑनलाइन कंपनियां सबसे ज्यादा आई हैं।
60 फीसद उद्यमों के तो 40 फीसद निजी कंप्यूटर प्रभावित इससे हुए हैं। विशेषकर माइक्रोसाफ्ट साफ्टवेयर के साथ डेस्कटाप पर हमला करने वाले इस वायरस से बचाव इस वजह से हो सका है, क्योंकि भारत के ज्यादातर कंप्यूटर सिक्योरिटी सिस्टम से लैस हैं। पहली बार किसी भी वायरस का हमला होने पर सीधे सिस्टम पर असर नहीं पड़ता।
क्विक हील कंपनी का कहना है कि वायरस का सबसे ज्यादा असर प. बंगाल में हुआ है। उसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, एनसीआर व उड़ीसा का नंबर है। जिन शहरों में इसका ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है उनमें दिल्ली, भुवनेश्वर, पुणे व मुंबई हैं। कंपनी का कहना है कि जिन कंप्यूटरों पर वायरस ने हमला किया, उन्हें दुरूस्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि साइबर अपराधियों ने डिवाइस को खोलने के लिए बिटकोइन जैसी क्रिप्टो करेंसी में तीन सौ अमेरिकी डालर की मांग की है। खास बात है कि वायरस ने रूस व ब्रिटेन जैसे देशों को भी अपनी चपेट में लिया है। जबकि वैश्विक स्तर पर इनकी तकनीक सबसे अच्छी मानी जाती है।
ज्यादा असर नहीं: सुंदरराजन
आइटी सचिव अरुणा सुंदरराजन का कहना है कि भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए जरूरी इंतजाम कर रखे हैं। वायरस का असर आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ केरल में पंचायत के कंप्यूटरों पर देखने को मिला है। मार्च के महीने से ही एक विशेष टीम इसकी निगरानी कर रही है। भारत में इसका बहुत ज्यादा असर नहीं मिला
Regards